अथर्ववेद (कांड 1)
यदि॑ नो॒ गां हंसि॒ यद्यश्वं॒ यदि॒ पूरु॑षम् । तं त्वा॒ सीसे॑न विध्यामो॒ यथा॒ नो ऽसो॒ अवी॑रहा ॥ (४)
हे शत्रु! यदि तू हमारी गायों, घोड़ों एवं सहायता करने वाले सेवकों की हत्या करता है तो मैं सीसे से तुझे मारूंगा. तू मेरे वीरों की हत्या नहीं कर सकेगा. (४)
O enemy! If you kill our cows, horses and helping servants, I will kill you with lead. You will not be able to kill my heroes. (4)