हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद (कांड 1)

अथर्ववेद: | सूक्त: 3
वि॒द्मा श॒रस्य॑ पि॒तरं॑ प॒र्जन्यं॑ श॒तवृ॑ष्ण्यम् । तेना॑ ते त॒न्वे॑३ शं क॑रं पृथि॒व्यां ते॑ नि॒षेच॑नं ब॒हिष्टे॑ अस्तु॒ बालिति॑ ॥ (१)
हम सैकड़ों सामर्थ्यो वाले एवं बाण के पिता पर्जन्य अर्थात्‌ बादल को जानते हैं. हे मूत्ररोगी! मैं तेरे मूत्रादि रोगों को समाप्त करता हूं. शरीर में रखा हुआ मूत्र बाहर निकल कर पृथ्वी पर गिरे. (१)
We know Parjanya, the father of hundreds of powers and arrows, that is, the cloud. O urologist! I will put an end to your urinary diseases. The urine kept in the body came out and fell on the earth. (1)

अथर्ववेद (कांड 1)

अथर्ववेद: | सूक्त: 3
वि॒द्मा श॒रस्य॑ पि॒तरं॑ मि॒त्रं श॒तवृ॑ष्ण्यम् । तेना॑ ते त॒न्वे॑३ शं क॑रं पृथि॒व्यां ते॑ नि॒षेच॑नं ब॒हिष्टे॑ अस्तु॒ बालिति॑ ॥ (२)
हम सैकड़ों सामर्थ्यो वाले एवं बाण के पिता मित्र अर्थात्‌ सूर्य को जानते हैं. हे रोगी मनुष्य! इसी बाण से मैं तेरे मूत्रादि रोगों को नष्ट करता हूं. तेरे पेट में रुका हुआ मूत्र बाहर निकल कर पृथ्वी पर गिरे. (२)
We know the friend of hundreds of powers and the father of arrows, that is, the Sun. O sick man! With this arrow, I destroy your urinary diseases. The urine stuck in your stomach came out and fell on the earth. (2)

अथर्ववेद (कांड 1)

अथर्ववेद: | सूक्त: 3
वि॒द्मा श॒रस्य॑ पि॒तरं॒ वरु॑णं श॒तवृ॑ष्ण्यम् । तेना॑ ते त॒न्वे॑३ शं क॑रं पृथि॒व्यां ते॑ नि॒षेच॑नं ब॒हिष्टे॑ अस्तु॒ बालिति॑ ॥ (३)
हम सैकड़ों सामर्थ्यो से संपन्न एवं बाण के पिता वरुण को जानते हैं. हे रोगी मनुष्य! इसी बाण से मैं तेरे मूत्रादि रोगों को दूर करता हूं. तेरे पेट में रुका हुआ मूत्र बाहर निकल कर धरती पर गिरे. (३)
We know Varuna, the father of the arrow, endowed with hundreds of strengths. O patient man! With this arrow, I remove your urinary diseases. The urine that is stuck in your stomach comes out and falls on the earth. (3)

अथर्ववेद (कांड 1)

अथर्ववेद: | सूक्त: 3
वि॒द्मा श॒रस्य॑ पि॒तरं॑ च॒न्द्रं श॒तवृ॑ष्ण्यम् । तेना॑ ते त॒न्वे॑३ शं क॑रं पृथि॒व्यां ते॑ नि॒षेच॑नं ब॒हिष्टे॑ अस्तु॒ बालिति॑ ॥ (४)
हम सैकड़ों शक्तियों वाले एवं बाण के पिता चंद्र को जानते हैं. हे रोगी मनुष्य! मैं उसी बाण से तेरे मूत्रादि रोगों को समाप्त करता हूं. तेरे पेट में रुका हुआ मूत्र बाहर निकले और धरती पर गिरे. (४)
We know Chandra, the father of hundreds of powers and arrows. O patient man! I eliminate your urinary diseases with the same arrow. The urine that was stopped in your stomach came out and fell on the earth. (4)

अथर्ववेद (कांड 1)

अथर्ववेद: | सूक्त: 3
वि॒द्मा श॒रस्य॑ पि॒तरं॒ सूर्यं॑ श॒तवृ॑ष्ण्यम् । तेना॑ ते त॒न्वे॑३ शं क॑रं पृथि॒व्यां ते॑ नि॒षेच॑नं ब॒हिष्टे॑ अस्तु॒ बालिति॑ ॥ (५)
हम सैकड़ों शक्तियों वाले एवं बाण के पिता सूर्य को जानते हैं. हे रोगी! मैं इसी बाण से तेरे मूत्रादि रोगों को नष्ट करता हूं. उदर (पेट) में संचित तेरा मूत्र बाहर निकल कर धरती पर गिरे. (५)
We know the Sun, the father of hundreds of powers and arrows. O patient! I destroy your urinary diseases with this arrow. Your urine stored in the stomach came out and fell on the ground. (5)

अथर्ववेद (कांड 1)

अथर्ववेद: | सूक्त: 3
यदा॒न्त्रेषु॑ गवी॒न्योर्यद्व॒स्तावधि॒ संश्रु॑तम् । ए॒वा ते॒ मूत्रं॑ मुच्यतां ब॒हिर्बालिति॑ सर्व॒कम् ॥ (६)
जो मूत्र तेरी आंतों में, मूत्रनाड़ी में एवं मूत्राशय में रुका हुआ है, वह तेरा सारा मूत्र शब्द करता हुआ शीघ्र बाहर निकल आए. (६)
The urine that is stopped in your intestines, in the ureter and in the bladder, let it come out quickly, saying all your urine. (6)

अथर्ववेद (कांड 1)

अथर्ववेद: | सूक्त: 3
प्र ते॑ भिनद्मि॒ मेह॑नं॒ वर्त्रं॑ वेश॒न्त्या इ॑व । ए॒वा ते॒ मूत्रं॑ मुच्यतां ब॒हिर्बालिति॑ सर्व॒कम् ॥ (७)
हे मूत्र व्याधि से पीड़ित रोगी! मैं तेरे मूत्र निकलने के मार्ग का उसी प्रकार भेदन करता हूं, जिस प्रकार जलाशय का जल बाहर निकालने के लिए नाली खोदते हैं. तेरा सारा मूत्र शब्द करता हुआ बाहर निकले. (७)
O patient suffering from urinary disease! I pierce the path of your urine in the same way as you dig a drain to drain out the water of the reservoir. All your urine came out saying words. (7)

अथर्ववेद (कांड 1)

अथर्ववेद: | सूक्त: 3
विषि॑तं ते वस्तिबि॒लं स॑मु॒द्रस्यो॑द॒धेरि॑व । ए॒वा ते॒ मूत्रं॑ मुच्यतां ब॒हिर्बालिति॑ सर्व॒कम् ॥ (८)
हे मूत्र रोग से दुःखी रोगी! जिस प्रकार सागर, जलाशय आदि का जल निकलने के लिए मार्ग बना दिया जाता है, उसी प्रकार मैं ने तेरे रुके हुए मूत्र को बाहर निकालने के लिए तेरे मूत्राशय का द्वार खोल दिया है. तेरा सारा मूत्र शब्द करता हुआ बाहर निकले. (८)
O patient suffering from urinary disease! Just as the water of the ocean, reservoir, etc. is made a way to come out, so I have opened the door of your bladder to take out your stagnant urine. All your urine came out saying words. (8)
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