हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 10.1.2

कांड 10 → सूक्त 1 → मंत्र 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 10)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
शी॑र्ष॒ण्वती॑ न॒स्वती॑ क॒र्णिनी॑ कृत्या॒कृता॒ संभृ॑ता वि॒श्वरू॑पा । सारादे॒त्वप॑ नुदाम एनाम् ॥ (२)
सिर, नाक, कान आदि अंगों से युक्त बनाई गई कृत्या अनेक प्रकार की आपत्तियां लाती है. उसे हम भगाते हैं. वह हमारे पास से दूर चली जाए. (२)
An act made with organs like head, nose, ears etc. brings many types of objections. We drive him away. Let him go away from us. (2)