हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 10.1.4

कांड 10 → सूक्त 1 → मंत्र 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 10)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
अ॒नया॒हमोष॑ध्या॒ सर्वाः॑ कृ॒त्या अ॑दूदुषम् । यां क्षेत्रे॑ च॒क्रुर्यां गोषु॒ यां वा॑ ते॒ पुरु॑षेषु ॥ (४)
मैं इस जड़ीबूटी के द्वारा समस्त कृत्याओं को क्षेत्र में गायों पर एवं पुरुषों पर की गई कृत्या को शक्तिहीन कर चुका हूं. (४)
I have made all the acts done by this herb on cows and men in the area powerless. (4)