हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 10.5.24

कांड 10 → सूक्त 5 → मंत्र 24 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 10)

अथर्ववेद: | सूक्त: 5
अ॑रि॒प्रा आपो॒ अप॑ रि॒प्रम॒स्मत् । प्रास्मदेनो॑ दुरि॒तं सु॒प्रती॑काः॒ प्र दुः॒ष्वप्न्यं॒ प्र मलं॑ वहन्तु ॥ (२४)
हे शत्रुओं का विनाश करने वाले जलो! हमारे शत्रुओं का विनाश करो. तुम हमारे पाप का विनाश करो एवं बुरे स्वप्न रूपी मैल को हम से दूर कर दो. (२४)
O destroyers of enemies! Destroy our enemies. You destroy our sin and remove the scum of nightmares from us. (24)