हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 10.9.5

कांड 10 → सूक्त 9 → मंत्र 5 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 10)

अथर्ववेद: | सूक्त: 9
स स्व॒र्गमा रो॑हति॒ यत्रा॒दस्त्रि॑दि॒वं दि॒वः । अ॑पू॒पना॑भिं कृ॒त्वा यो ददा॑ति श॒तौद॑नाम् ॥ (५)
वह उस स्वर्ग में पहुंचता है जो अंतरिक्ष में स्थित है तथा जो पुए बना कर शतौदना गौ को देता है. (५)
He reaches the heaven which is located in space and who makes pua and gives it to the shatodana cow. (5)