अथर्ववेद (कांड 12)
श॑न्ति॒वा सु॑र॒भिः स्यो॒ना की॒लालो॑ध्नी॒ पय॑स्वती । भूमि॒रधि॑ ब्रवीतु मे पृथि॒वी पय॑सा स॒ह ॥ (५९)
सुख और शांति प्रदान करने वाली, अन्न और दूध देने वाली, दूध के समान सार पदार्थो वाली होती हुई पृथ्वी मेरे पक्ष में रहे. (५९)
May the earth, which gives happiness and peace, gives food and milk, has the same essence as milk, may the earth be on my side. (59)