हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 12.10.11

कांड 12 → सूक्त 10 → मंत्र 11 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 10
आ॒दाय॑ जी॒तं जी॒ताय॑ लो॒केमुष्मि॒न्प्र य॑च्छसि ॥ (११)
हे ब्राह्मण की गाय! तू ब्राह्मण को हानि पहुंचाने वाले को न्यून आयु वाला करने के लिए पकड़ कर परलोकगामी बनाती है. (११)
O Brahmin's cow! You hold the Brahmin to make the harmer a less-life person and make him go to the world. (11)