अथर्ववेद (कांड 12)
क्षि॒प्रं वै तस्य॑ पृच्छन्ति॒ यत्तदासी॑३दि॒दं नु ता३दिति॑ ॥ (४)
जो क्षत्रिय ब्राह्मण की गाय ले जाता है, उस के विषय में यह कहा जाने लगता है कि क्या यह उस का घर है. (४)
The Kshatriya who takes away the Brahmin's cow, it is said about him whether this is his house. (4)