हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
वृ॒श्च प्र वृ॑श्च॒ सं वृ॑श्च॒ दह॒ प्र द॑ह॒ सं द॑ह ॥ (१)
हे ब्राह्मण की गाय! तू अपने अपहरण करने वाले को बारबार काट और जला दे. (१)
O Brahmin's cow! Cut and burn your abductor again and again. (1)

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
ब्र॑ह्म॒ज्यं दे॑व्यघ्न्य॒ आ मूला॑दनु॒संद॑ह ॥ (२)
हे अघ्न्या! तू अपहरण करने वाले को समूल नष्ट कर दे. (२)
Oh my god! Destroy the kidnapper completely. (2)

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
यथाया॑द्यमसाद॒नात्पा॑पलो॒कान्प॑रा॒वतः॑ ॥ (३)
हे अघ्न्या! तेरा अपहरण करने वाला यम के लोकों और पाप के घरों को प्राप्त हो. (३)
O Aghnya! May the one who kidnaps you receive the realms of Yama and the houses of sin. (3)

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
ए॒वा त्वं दे॑व्यघ्न्ये ब्रह्म॒ज्यस्य॑ कृ॒ताग॑सो देवपी॒योर॑रा॒धसः॑ ॥ (४)
हे अघ्न्या देवी! तू अपराध करने वाले अपहरणकर्ता, देव हिंसक के कंधों और सिर को काट दे. (४)
O Goddess! Cut off the shoulders and head of the kidnapper who committed the crime, Dev Violent. (4)

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
वज्रे॑ण श॒तप॑र्वणा ती॒क्ष्णेन॑ क्षु॒रभृ॑ष्टिना ॥ (५)
हे अघ्न्या! तू सौ पैरों वाले एवं तेज धार वाले वञ्ज से अपने अपहरणकर्ता का वध कर. (५)
Hey Aghnya! You kill your abductor with a hundred-legged and sharp-edged bow. (5)

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
प्र स्क॒न्धान्प्र शिरो॑ जहि ॥ (६)
हे अघ्न्या! तू अपने अपहरणकर्ता को नष्ट कर दे. (६)
O Aghnya! Destroy your kidnapper. (6)

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
लोमा॑न्यस्य॒ सं छि॑न्धि॒ त्वच॑मस्य॒ वि वे॑ष्टय ॥ (७)
हे अघ्न्या! तू अपने अपहरणकर्ता के लोमों को नष्ट कर उस का चमड़ा उधेड़ दे. (७)
O Aghnya! Destroy the foxes of your abductor and remove his skin. (7)

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
मां॒सान्य॑स्य शातय॒ स्नावा॑न्यस्य॒ सं वृ॑ह ॥ (८)
हे अघ्न्या! तू अपने अपहरणकर्ता के मांस को काट कर उस की नसों को सुखा दे. (८)
O Aghnya! Cut off the flesh of your abductor and dry his veins. (8)
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