अथर्ववेद (कांड 12)
परं॑ मृत्यो॒ अनु॒ परे॑हि॒ पन्थां॒ यस्त॑ ए॒ष इत॑रो देव॒याना॑त् । चक्षु॑ष्मते शृण्व॒ते ते॑ ब्रवीमी॒हेमे वी॒रा ब॒हवो॑ भवन्तु ॥ (२१)
हे मृत्यु! तू देवयान से भिन्न मार्ग में जा. तू दर्शन और श्रोत्र शक्तियों से युक्त है. इसलिए तू सुन ले कि हमारे बहुत से वीर पुत्र बढ़ते रहेंगे. (२१)
O death! You go on a different path from Devayan. You are full of vision and source powers. So listen that many of our brave sons will continue to grow. (21)