हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 12.4.24

कांड 12 → सूक्त 4 → मंत्र 24 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 4
दे॒वा व॒शाम॑याच॒न्यस्मि॒न्नग्रे॒ अजा॑यत । तामे॒तां वि॑द्या॒न्नार॑दः स॒ह दे॒वैरुदा॑जत ॥ (२४)
जिस के सामने वशा प्रकट होती है, देवता उस से वशा मांगते हैं. यह जान कर नारद भी देवताओं सहित वहां पहुंच गए. (२४)
In front of whom Vasha appears, the gods ask for Vasha from him. Knowing this, Narada also reached there with the gods. (24)