हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 12.7.16

कांड 12 → सूक्त 7 → मंत्र 16 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 7
अ॑नु॒गच्छ॑न्ती प्रा॒णानुप॑ दासयति ब्रह्मग॒वी ब्र॑ह्म॒ज्यस्य॑ ॥ (१६)
ब्राह्मण की यह गाय ब्राह्मण को हानि पहुंचाने वाले के पीछे चलती हुई उस के प्राणों का विनाश करती है. (१६)
This cow of a Brahmin follows the one who harms the Brahmin and destroys his life. (16)