हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 12.9.6

कांड 12 → सूक्त 9 → मंत्र 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 12)

अथर्ववेद: | सूक्त: 9
वि॑वा॒हां ज्ञा॒तीन्त्सर्वा॒नपि॑ क्षापयति ब्रह्मग॒वी ब्र॑ह्म॒ज्यस्य॑ क्ष॒त्रिये॒णापु॑नर्दीयमाना ॥ (६)
्षत्रिय द्वारा ब्राह्मण की गाय न लौटाई जाने पर उस के सभी बंधुओं को नष्ट कर देती है. (६)
If the Brahmin's cow is not returned by the Kshatriya, it destroys all his brothers. (6)