अथर्ववेद (कांड 12)
वि॑वा॒हां ज्ञा॒तीन्त्सर्वा॒नपि॑ क्षापयति ब्रह्मग॒वी ब्र॑ह्म॒ज्यस्य॑ क्ष॒त्रिये॒णापु॑नर्दीयमाना ॥ (६)
्षत्रिय द्वारा ब्राह्मण की गाय न लौटाई जाने पर उस के सभी बंधुओं को नष्ट कर देती है. (६)
If the Brahmin's cow is not returned by the Kshatriya, it destroys all his brothers. (6)