हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 13.2.24

कांड 13 → सूक्त 2 → मंत्र 24 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 13)

अथर्ववेद: | सूक्त: 2
अयु॑क्त स॒प्त शु॒न्ध्युवः॒ सूरो॒ रथ॑स्य न॒प्त्यः । ताभि॑र्याति॒ स्वयु॑क्तिभिः ॥ (२४)
सूर्य सब को पवित्र करने वाले सात घोड़ों को अपने रथ में जोड़ते हैं तथा उन के सहारे अपनी युक्तियों से गमन करते हैं. (२४)
The sun adds the seven horses that sanctify everyone to its chariot and moves with their tips with the help of them. (24)