अथर्ववेद (कांड 13) अथर्ववेद: 13.4.6 | सूक्त: 4 तं व॒त्सा उप॑ तिष्ठ॒न्त्येक॒शीर्षा॑णो यु॒ता दश॑ ॥ (६) एक शीश वाले दस वत्स उन्हीं की आराधना करते हैं. (६) Ten Vatsas with a head worship them. (6)