अथर्ववेद (कांड 14)
स इत्तत्स्यो॒नंह॑रति ब्र॒ह्मा वासः॑ सुम॒ङ्गल॑म् । प्राय॑श्चित्तिं॒ यो अ॒ध्येति॒ येन॑ जा॒या नरिष्य॑ति ॥ (३०)
जिस वस्त्र से प्रायश्चित्त होता है अर्थात् चित् की शुद्धि होती है तथा जिस के कारण पत्नी मरण को प्राप्त नहीं होती है, उस कल्याणकारी वस्त्र को ब्रह्मा धारण करता है. (३०)
Brahma wears the welfare cloth from which atonement is done, that is, the chit is purified and due to which the wife does not attain death. (30)