अथर्ववेद (कांड 14)
इ॑न्द्रा॒ग्नीद्यावा॑पृथि॒वी मा॑त॒रिश्वा॑ मि॒त्रावरु॑णा॒ भगो॑ अ॒श्विनो॒भा।बृह॒स्पति॑र्म॒रुतो॒ ब्रह्म॒ सोम॑ इ॒मां नारीं॑ प्र॒जया॑ वर्धयन्तु ॥ (५४)
दोनों अश्विनीकुमार, इंद्र और अग्नि, मित्र और वरुण, आकाश और पृथ्वी, बृहस्पति, वायु, मरुदगण, ब्रह्म तथा सोम देवता इस स्त्री को संतान से बढ़ाएं. (५४)
Both Ashwinikumar, Indra and Agni, Friend and Varuna, Akash and Prithvi, Brihaspati, Vayu, Marudgana, Brahma and Som Devta should raise this woman with children. (54)