हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 15.1.2

कांड 15 → सूक्त 1 → मंत्र 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 15)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
स प्र॒जाप॑तिःसु॒वर्ण॑मा॒त्मन्न॑पश्य॒त्तत्प्राज॑नयत् ॥ (२)
उस प्रजापति ने आत्मा को उत्तम तेज से युक्त किया तथा उस ने सब को उत्पन्न किया. (२)
That Prajapati equiped the soul with the best radiance and he created everyone. (2)