अथर्ववेद (कांड 15)
अतो॒ वै ब्रह्म॑च क्ष॒त्रं चोद॑तिष्ठतां॒ ते अ॑ब्रूतां॒ कं प्र वि॑शा॒वेति॑ ॥ (३)
इस के बाद ब्रह्म बल और क्षात्र शक्ति को हम किस में प्रवेश करें. (३)
After this, what should we enter brahma bal and kshatra shakti? (3)
कांड 15 → सूक्त 10 → मंत्र 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation