अथर्ववेद (कांड 15)
स यत्प॒शूननु॒व्यच॑लद्रु॒द्रो भू॒त्वानु॒व्यचल॒दोष॑धीरन्ना॒दीः कृ॒त्वा ॥ (११)
जब वह पशुओं की ओर चला तब ओषधियों को अन्नाद बनाते हुए उस ने रुद्र के रूप में गमन किया. (११)
When he walked towards the animals, he went as Rudra, making the medicines annad. (11)