हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 15.9.2

कांड 15 → सूक्त 9 → मंत्र 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 15)

अथर्ववेद: | सूक्त: 9
तं स॒भा च॒समि॑तिश्च॒ सेना॑ च॒ सुरा॑ चानु॒व्यचलन् ॥ (२)
इस से समिति, सभा, सेना और सुख उस के अनुकूल हुए. (२)
This made the committee, the assembly, the army and happiness favorable to him. (2)