अथर्ववेद (कांड 16)
प्रास्मदेनो॑वहन्तु॒ प्र दुः॒ष्वप्न्यं॑ वहन्तु ॥ (११)
यह जल हमारे पाप और बुरे स्वप्र को बहा कर ले जाए. (११)
May this water drain our sins and evil self-respect. (11)
कांड 16 → सूक्त 1 → मंत्र 11 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation