अथर्ववेद (कांड 16)
इन्द्र॑स्य वइन्द्रि॒येणा॒भि षि॑ञ्चेत् ॥ (९)
हे जल! जो तुम्हारा अत्यधिक ऐश्वर्य वाला भाग है, उसे हम इंद्रियों से सींचें. (९)
O water! Let us water what is your most opulence part with the senses. (9)
कांड 16 → सूक्त 1 → मंत्र 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation