अथर्ववेद (कांड 18)
दे॒वेभ्यः॒कम॑वृणीत मृ॒त्युं प्र॒जायै॒ किम॒मृतं॒ नावृ॑णीत । बृह॒स्पति॑र्य॒ज्ञम॑तनुत॒ऋषिः॑ प्रि॒यां य॒मस्त॒न्वमा रि॑रेच ॥ (४१)
सृष्टि के आरंभ में विधाता ने इंद्र आदि देवों के निमित्त किस प्रकार की मृत्यु की व्यवस्था की थी? इस के बाद सूर्य पुत्र यम ने बृहस्पति के कृपा पात्र मनुष्यों की देह को सभी ओर से खींच कर प्राण हीन किया. (४१)
At the beginning of the creation, what kind of death was arranged by Vidhata for indra etc. gods? After this, Yama, the son of Sun, pulled the body of humans from all sides and made them lifeless. (41)