अथर्ववेद (कांड 18) अथर्ववेद: 18.4.73 | सूक्त: 4 पि॒तृभ्यः॒सोम॑वद्भ्यः स्व॒धा नमः॑ ॥ (७३) सोमवान पितरों के लिए स्वधा व नमस्कार है. (७३) Somwan is swadha and namaskar for the ancestors. (73)