हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 19.11.1

कांड 19 → सूक्त 11 → मंत्र 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 19)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
शं नः॑ स॒त्यस्य॒ पत॑यो भवन्तु॒ शं नो॒ अर्व॑न्तः॒ शमु॑ सन्तु॒ गावः॑ । शं न॑ ऋ॒भवः॑ सु॒कृतः॑ सु॒हस्ताः॒ शं नो॑ भवन्तु पि॒तरो॒ हवे॑षु ॥ (१)
सत्य का पालन करने वाले देव हमारी शांति के कारण बनें. घोड़े और गाएं हमें शांति देने वाले हों. उत्तम कर्म करने वाले तथा शोभन हाथों वाले देव हमें सुख दें. पितर हमारे स्तोत्रों अथवा मंत्रों को सुन कर सुख देने वाले हों. (१)
May the gods who follow the truth be the cause of our peace. May horses and cows give us peace. May god, who does good deeds and has decent hands, give us happiness. May the ancestors listen to our stotras or mantras and give happiness. (1)