अथर्ववेद (कांड 19)
पिं॒श द॑र्भ स॒पत्ना॑न्मे पिं॒श मे॑ पृतनाय॒तः । पिं॒श मे॒ सर्वा॑न्दु॒र्हार्दो॑ पिं॒श मे॑ द्विष॒तो म॑णे ॥ (९)
हे दर्भमणि! मेरे शत्रुओं को तथा मेरे विरुद्ध सेना एकत्र करने वालों को पीस दो. मेरे प्रति दुर्भावना रखने वाले सभी को तथा मुझ से द्वेष रखने वालों को पीस डालो. (९)
O darbhamani! Grind my enemies and those who gathered the army against me. Grind all those who have ill-will towards me and those who hate me. (9)