हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद (कांड 2)

अथर्ववेद: | सूक्त: 26
ए॒ह य॑न्तु प॒शवो॒ ये प॑रे॒युर्वा॒युर्येषां॑ सहचा॒रं जु॒जोष॑ । त्वष्टा॒ येषां॑ रूपधेयानि॒ वेदा॒स्मिन्तान्गो॒ष्ठे स॑वि॒ता नि य॑च्छतु ॥ (१)
जो पशु कभी न लौटने के लिए चले गए हैं, वे मेरी इस गोशाला में आ जाएं. वायु जिन की रक्षा के लिए साथ चलती है एवं त्वष्टा जिन के गर्भाशय के बछड़ों का रूप जानते हैं, उन समस्त पशुओं को सविता देव इस गोशाला में इस प्रकार स्थापित करें कि वे कभी न भागों. (१)
The animals which have never gone to return, they should come to this gaushala of mine. Savita Dev should install all the animals for whom the air moves together to protect them and the children whose uterine calves are known in this gaushala in such a way that they never have parts. (1)

अथर्ववेद (कांड 2)

अथर्ववेद: | सूक्त: 26
इ॒मं गो॒ष्ठं प॒शवः॒ सं स्र॑वन्तु॒ बृह॒स्पति॒रा न॑यतु प्रजा॒नन् । सि॑नीवा॒ली न॑य॒त्वाग्र॑मेषामाज॒ग्मुषो॑ अनुमते॒ नि य॑च्छ ॥ (२)
गाय आदि पशु मेरी इस गोशाला में आएं. उन्हें यहां लाने का ढंग जानते हुए बृहस्पति देव उन्हें यहां लाएं. हे सिनीवाली अर्थात्‌ पूर्णिमा और अमावस्या की देवियो! तुम इन पशुओं के पीछे चलती हो. तुम गोशाला में आए हुए इन पशुओं को रोको. (२)
Cows etc. animals should come to my gaushala. Knowing how to bring them here, Jupiter Dev should bring them here. O Siniwali i.e. goddesses of full moon and amavasya! You follow these animals. You stop these animals who have come to the gaushala. (2)

अथर्ववेद (कांड 2)

अथर्ववेद: | सूक्त: 26
सं सं स्र॑वन्तु प॒शवः॒ समश्वाः॒ समु॒ पूरु॑षाः । सं धा॒न्य॑स्य॒ या स्फा॒तिः सं॑स्रा॒व्ये॑ण ह॒विषा॑ जुहोमि ॥ (३)
गाय आदि पशु, घोड़े, सेवक आदि पुरुष तथा गेहूं, जौ आदि अन्नों की वृद्धि मेरे पास आए. इस के निमित्त मैं घृत से हवन करता हूं. (३)
Animals like cows, horses, servants etc. men and wheat, barley etc. came to me. For this reason, I perform havan with ghee. (3)

अथर्ववेद (कांड 2)

अथर्ववेद: | सूक्त: 26
सं सि॑ञ्चामि॒ गवां॑ क्षी॒रं समाज्ये॑न॒ बलं॒ रस॑म् । संसि॑क्ता अ॒स्माकं॑ वी॒रा ध्रु॒वा गावो॒ मयि॒ गोप॑तौ ॥ (४)
मैं पहली बार बच्चा देने वाली गाय के ताजा दूध में घी मिलाता हूं तथा घी में शक्ति देने वाला अन्न और जल मिलाता हूं. मेरे पुत्र, पौत्र आदि घी से शरीर चुपड़ कर दृढ़ गात्र वाले बनें. इस के निमित्त मुझ गोस्वामी के पास गाएं स्थित रहें. (४)
I add ghee to the fresh milk of the first-born cow and add strength and water to the ghee. My sons, grandsons, etc. should be strong with ghee and become strong. For this reason, sing near me. (4)

अथर्ववेद (कांड 2)

अथर्ववेद: | सूक्त: 26
आ ह॑रामि॒ गवां॑ क्षी॒रमाहा॑र्षं धा॒न्यं रस॑म् । आहृ॑ता अ॒स्माकं॑ वी॒रा आ पत्नी॑रि॒दमस्त॑कम् ॥ (५)
मैं गायों का दूध लाता हूं तथा अन्न एवं जल भी लाता हूं. मैं पुत्र, पौत्र एवं पत्नी को ले आया हूं. इन सब से मेरा घर पूर्ण रहे. (५)
I bring cow's milk and also food and water. I have brought my son, grandson and wife. May my house be complete with all this. (5)