अथर्ववेद (कांड 2)
सं सि॑ञ्चामि॒ गवां॑ क्षी॒रं समाज्ये॑न॒ बलं॒ रस॑म् । संसि॑क्ता अ॒स्माकं॑ वी॒रा ध्रु॒वा गावो॒ मयि॒ गोप॑तौ ॥ (४)
मैं पहली बार बच्चा देने वाली गाय के ताजा दूध में घी मिलाता हूं तथा घी में शक्ति देने वाला अन्न और जल मिलाता हूं. मेरे पुत्र, पौत्र आदि घी से शरीर चुपड़ कर दृढ़ गात्र वाले बनें. इस के निमित्त मुझ गोस्वामी के पास गाएं स्थित रहें. (४)
I add ghee to the fresh milk of the first-born cow and add strength and water to the ghee. My sons, grandsons, etc. should be strong with ghee and become strong. For this reason, sing near me. (4)