अथर्ववेद (कांड 20)
यद्दे॒वासो॑ ललामगुं॒ प्रवि॑ष्टी॒मिन॑माविषुः । स॑कु॒ला दे॑दिश्यते॒ नारी॑ स॒त्यस्या॑क्षि॒भुवो॒ यथा॑ ॥ (४)
जब सुंदर गौ में प्रविष्ट देवता हर्षित होते हैं, तब नारी आंखों देखी के समान सत्य से युक्त हो जाती है. (४)
When the gods entering the beautiful cow are happy, then the woman becomes full of truth like seeing the eyes. (4)