हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 20.41.3

कांड 20 → सूक्त 41 → मंत्र 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 20)

अथर्ववेद: | सूक्त: 41
अत्राह॒ गोर॑मन्वत॒ नाम॒ त्वष्टु॑रपी॒च्यम् । इ॒त्था च॒न्द्रम॑सो गृ॒हे ॥ (३)
चंद्र मंडल एक ग्रह है. उस में सूर्य रूपी इंद्र ही अपनी एक किरण में विराजते हैं. (३)
The lunar system is a planet. In that, Indra, the form of the sun, sits in one of his rays. (3)