अथर्ववेद (कांड 5)
यथा॒ सो अ॒स्य प॑रि॒धिष्पता॑ति॒ तथा॒ तद॑ग्ने कृणु जातवेदः । विश्वे॑भिर्दे॒वैः स॒ह सं॑विदा॒नः ॥ (३)
हे अग्नि! तुम सभी देवों के साथ मिल कर ऐसा यत्न करो, जिस से उस का परकोटा गिर जाए जो हमारे विरोध में खेल खेल रहा है और जो हमें खाना चाहता है. (३)
O agni! Make such an effort with all of you gods, so that the person who is playing the game against us and who wants to eat us falls. (3)