अथर्ववेद (कांड 6)
यं मि॒त्रावरु॑णौ स्म॒रमसि॑ञ्चताम॒प्स्वन्तः शोशु॑चानं स॒हाध्या । तं ते॑ तपामि॒ वरु॑णस्य॒ धर्म॑णा ॥ (५)
मित्र और वरुण देवों ने कामदेव को उस की पत्नी आधि अर्थात् चिंता के साथ जल में डुबो दिया, क्योंकि वह उस के वियोग में संतप्त था. हे नारी! मैं तेरे लिए उस कामदेव को जल के स्वामी वरुण की धारण शक्ति से संतप्त करता हूं. (५)
Friends and Varuna devas immersed Kamadeva in water with his wife Aadhi i.e. anxiety, because he was suffering in his disconnection. O woman! I am for you torment that Cupid with the power of Varuna, the swami of water. (5)