हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 6.39.3

कांड 6 → सूक्त 39 → मंत्र 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 6)

अथर्ववेद: | सूक्त: 39
य॒शा इन्द्रो॑ य॒शा अ॒ग्निर्य॒शाः सोमो॑ अजायत । य॒शा विश्व॑स्य भू॒त्स्या॒हम॑स्मि य॒शस्त॑मः ॥ (३)
इंद्र, अग्नि और सोम यश की इच्छा करते हुए उत्पन्न हुए. यश का इच्छुक मैं भी समस्त प्राणियों की अपेक्षा अतिशय यशस्वी बनूं. (३)
Indra, Agni and Soma were born wishing for fame. I am also more successful than all beings who are interested in fame. (3)