अथर्ववेद (कांड 6)
य॒मो मृ॒त्युर॑घमा॒रो नि॑रृ॒थो ब॒भ्रुः श॒र्वोऽस्ता॒ नील॑शिखण्डः । दे॑वज॒नाः सेन॑योत्तस्थि॒वांस॒स्ते अ॒स्माकं॒ परि॑ वृञ्जन्तु वी॒रान् ॥ (१)
पापियों की हिंसा के लिए यम, मृत्यु, अघमार, निर्त्रति, बश्चु, शर्व एवं नीलशिखंड आदि देवगण, अपने परिवार जनों के साथ अपनेअपने स्थान से चल दिए हैं. वे हमारे पुत्र, पौत्र आदि को छोड़ दें. (१)
For the violence of sinners, devas like Yama, Death, Aghamar, Nirtriti, Bashchu, Sharva and Neelshikhand etc. have left their place with their family members. They should leave our sons, grandsons etc. (1)