अथर्ववेद (कांड 8)
तां धृ॒तरा॑ष्ट्र ऐराव॒तोधो॒क्तां वि॒षमे॒वाधो॑क् ॥ (१५)
ऐरावत संबंधी सर्प ने उस का दोहन किया और विष का दोहन किया. (१५)
The snake belonging to Airavat exploited it and exploited the poison. (15)
कांड 8 → सूक्त 10 → मंत्र 15 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation