अथर्ववेद (कांड 8)
इन्द्रा॑सोमा॒ तप॑तं॒ रक्ष॑ उ॒ब्जतं॒ न्यर्पयतं वृषणा तमो॒वृधः॑ । परा॑ शृणीतम॒चितो॒ न्योषतं ह॒तं नु॒देथां॒ नि शि॑शीतम॒त्त्रिणः॑ ॥ (१)
हे इंद्र और सोम! राक्षसों को संतप्त करो तथा मार डालो. हे अभिलाषाएं पूर्ण करने वालो! अंधकार में बढ़ने वाले ज्ञानहीन राक्षसों को निम्न गति प्रदान करो तथा अत्यधिक जलाओ. मनुष्यों का भक्षण करने वाले राक्षसों को मारो तथा मारे हुए राक्षसों को हम से दूर ले जाओ. इस प्रकार उन की संख्या कम करो. (१)
O Indra and Soma! Kill and kill the demons. Those who fulfill your desires! Give low speed and excessive burn to the knowledgeless demons growing in darkness. Kill the demons who eat humans and take the slain demons away from us. Thus reduce the number of them. (1)