हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
दि॒वस्पृ॑थि॒व्या अ॒न्तरि॑क्षात्समु॒द्राद॒ग्नेर्वाता॑न्मधुक॒शा हि ज॒ज्ञे । तां चा॑यि॒त्वामृतं॒ वसा॑नां हृ॒द्भिः प्र॒जाः प्रति॑ नन्दन्ति॒ सर्वाः॑ ॥ (१)
स्वर्ग, पृथ्वी, अंतरिक्ष, सागर और अग्नि से मधुकशा गौ उत्पन्न हुई. अमृत को धारण करने वाली उस मधुकशा गौ का सच्चे मन से पूजन करने वाली समस्त प्रजाएं संतुष्ट होती हैं. (१)
Madhukasha Cow was born from heaven, earth, space, ocean and agni. All the people who worship that madhukasha cow wearing nectar with a true heart are satisfied. (1)

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
म॒हत्पयो॑ वि॒श्वरू॑पमस्याः समु॒द्रस्य॑ त्वो॒त रेत॑ आहुः । यत॒ ऐति॑ मधुक॒शा ररा॑णा॒ तत्प्रा॒णस्तद॒मृतं॒ निवि॑ष्टम् ॥ (२)
इस मधुकशा गौ के विश्व रूपी महान दूध को सागर का बल कहा गया है. स्तुतियों से आकर्षित हो कर यह मधुकशा गौ जिधर जाती है, वहां रहने वालों के प्राणों में अमृत स्थापित हो जाता है. (२)
The great milk of this honeycomb cow has been called the force of the ocean. Attracted by praises, wherever this Madhukasha cow goes, nectar is established in the lives of those living there. (2)

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
पश्य॑न्त्यस्याश्चरि॒तं पृ॑थि॒व्यां पृथ॒ङ्नरो॑ बहु॒धा मीमां॑समानाः । अ॒ग्नेर्वाता॑न्मधुक॒शा हि ज॒ज्ञे म॒रुता॑मु॒ग्रा न॒प्तिः ॥ (३)
पृथ्वी पर मनुष्य मधुकशा गौ के चरित्रों की अनेक प्रकार से मीमांसा करते हैं एवं इसे अनेक रूप वाली देखते हुए इसे मरुद्गण की प्रचंड पुत्री अग्नि और वायु से उत्पन्न हुई बताते हैं. (३)
On earth, humans imitate the characters of Madhukasha Gau in many ways and seeing it in many forms, it is said to be born from agni and air, the fierce daughter of Marudgana. (3)

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
मा॒तादि॒त्यानां॑ दुहि॒ता वसू॑नां प्रा॒णः प्र॒जाना॑म॒मृत॑स्य॒ नाभिः॑ । हिर॑ण्यवर्णा मधुक॒शा घृ॒ताची॑ म॒हान्भर्ग॑श्चरति॒ मर्त्ये॑षु ॥ (४)
यह मधुकशा गौ आदित्यों की माता, वसुओं की पुत्री, प्रजाओं का प्राण और अमृत की नाभि हैं. सोने के रंग वाली मधुकशा घृत प्रदान करने वाली है. मनुष्यों में इस का महान तेज विचरण करता है. (४)
This madhukasha is the mother of cow adityas, the daughter of vasus, the life of the subjects and the navel of nectar. The gold-colored honeycomb is going to provide ghee. This makes great rapid movement in humans. (4)

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
मधोः॒ कशा॑मजनयन्त दे॒वास्तस्या॒ गर्भो॑ अभवद्वि॒श्वरू॑पः । तं जा॒तं तरु॑णं पिपर्ति मा॒ता स जा॒तो विश्वा॒ भुव॑ना॒ वि च॑ष्टे ॥ (५)
देवों ने मधुकशा को जन्म दिया. उस का गर्भ विश्वरूप हुआ. तरुण रूप में उत्पन्न हुए विश्वरूप का उस की माता मधुकशा ने भरणपोषण किया. विश्वरूप ने उत्पन्न होते ही सारे संसार को मोहित कर दिया. (५)
The Devas gave birth to Madhukasha. His womb was worldly. Vishwaroop, who was born in a young form, was sued by his mother Madhukasha. Vishwaroop captivated the whole world as soon as it was born. (5)

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
कस्तं प्र वे॑द॒ क उ॒ तं चि॑केत॒ यो अ॑स्या हृ॒दः क॒लशः॑ सोम॒धानो॒ अक्षि॑तः । ब्र॒ह्मा सु॑मे॒धाः सो अ॑स्मिन्मदेत ॥ (६)
उस विश्वरूप को कौन भलीभांति जानता है? उस का हृदय सोम को धारण करने के लिए कलश रूप में अक्ष अर्थात्‌ विनाश रहित रहता है, इस का साक्षात्कार किस को है? शोभन बुद्धि वाले ब्रह्मा इस में आनंदित होते हैं. (६)
Who knows that world form very well? Who has the realization of his heart in the kalash form to hold soma, i.e. without destruction? Brahma with a beautiful intellect is blissful in this. (6)

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
स तौ प्र वे॑द॒ स उ॒ तौ चि॑केत॒ याव॑स्याः॒ स्तनौ॑ स॒हस्र॑धारा॒वक्षि॑तौ । ऊर्जं॑ दुहाते॒ अन॑पस्पुरन्तौ ॥ (७)
उस के थन कभी दूध से शून्य न होने वाले एवं दूध की हजार धाराएं बहाने वाले हैं. ये थन सदैव दूध प्रदान करते रहते हैं. इन थनों को वही ब्रह्मा जानते हैं. (७)
His udders are never void of milk and are going to shed a thousand streams of milk. These udders always provide milk. Only Brahma knows these udders. (7)

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 1
हि॒ङ्करि॑क्रती बृह॒ती व॑यो॒धा उ॒च्चैर्घो॑षा॒भ्येति॒ या व्र॒तम् । त्रीन्घ॒र्मान॒भि वा॑वशा॒ना मिमा॑ति मा॒युं पय॑ते॒ पयो॑भिः ॥ (८)
शब्द करने वाली एवं दूध के रूप में हवि धारण करने वाली मुधकशा गौ रंभाती हुई कर्म क्षेत्र में आती है. वह गौ देवों का आश्रय प्राप्त करने वालों के शब्द को अपने दूध से सशक्त बनाती है. (८)
The muddhasha cow, which does words and wears havi in the form of milk, comes in the field of karma. She empowers the word of those who get shelter of gau devas with their milk. (8)
Page 1 of 40Next →