हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 9.11.4

कांड 9 → सूक्त 11 → मंत्र 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 11
तेषां॒ न कश्च॒नाहो॑ता ॥ (४)
उन अतिथियों में कोई भी ऐसा नहीं है जो होता अर्थात्‌ हवन करने वाला न हो. (४)
There is no one among those guests who is not going to perform havan. (4)