हरि ॐ

अथर्ववेद (Atharvaved)

अथर्ववेद 9.12.13

कांड 9 → सूक्त 12 → मंत्र 13 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

अथर्ववेद (कांड 9)

अथर्ववेद: | सूक्त: 12
क्रोधो॑ वृ॒क्कौ म॒न्युरा॒ण्डौ प्र॒जा शेपः॑ ॥ (१३)
क्रोध इस के गुरदे हैं, मन्यु इस के अंडकोष हैं और प्रजा इस का जननांग है. (१३)
Anger is its kidneys, the values are its testicles and the subjects are its genitals. (13)