अथर्ववेद (कांड 9)
को द॑दर्श प्रथ॒मं जाय॑मानमस्थ॒न्वन्तं॒ यद॑न॒स्था बिभ॑र्ति । भूम्या॒ असु॒रसृ॑गा॒त्मा क्व स्वि॒त्को वि॒द्वांस॒मुप॑ गा॒त्प्रष्टु॑मे॒तत् ॥ (४)
सर्वप्रथम उत्पन्न होने वाले अस्थिरहित को किस ने देखा था जो समस्त विश्व को धारण करता है? भूमि को प्राणवंत करने वाले जल की आत्मा कहां स्थित है? इस बात को पूछने के लिए विद्वान् के समीप कौन गया था? (४)
Who first saw the unstable interest that arises that holds the whole world? Where is the soul of the water that nourishes the land located? Who went near the scholar to ask this? (4)