ऋग्वेद (मंडल 1)
तम॑प्सन्त॒ शव॑स उत्स॒वेषु॒ नरो॒ नर॒मव॑से॒ तं धना॑य । सो अ॒न्धे चि॒त्तम॑सि॒ ज्योति॑र्विदन्म॒रुत्वा॑न्नो भव॒त्विन्द्र॑ ऊ॒ती ॥ (८)
स्तोता लोग संग्रामों में रक्षा एवं धन पाने के उद्देश्य से इंद्र की शरण में जाते हैं, क्योंकि वे युद्ध में विजयरूपी प्रकाश देते हैं. वे इंद्र मरुतों के सहयोग से हमारे रक्षक बनें. (८)
The Stotas go to the refuge of Indra in order to get protection and wealth in the battles, because they give victory light in the war. They became our protectors with the help of Indra Maruts. (8)