ऋग्वेद (मंडल 1)
तन्न॒ इन्द्र॒स्तद्वरु॑ण॒स्तद॒ग्निस्तद॑र्य॒मा तत्स॑वि॒ता चनो॑ धात् । तन्नो॑ मि॒त्रो वरु॑णो मामहन्ता॒मदि॑तिः॒ सिन्धुः॑ पृथि॒वी उ॒त द्यौः ॥ (३)
हमारे द्वारा चाहा गया अन्न इंद्र, वरुण, अग्नि, अर्यमा और सविता हमें दें. मित्र, वरुण, अदिति, सिंधु, पृथ्वी और आकाश हमारे उस अन्न की रक्षा करें. (३)
Give us the food we want indra, varuna, agni, aryama and savita. Friends, Varuna, Aditi, Sindhu, Prithvi and Akash protect that food of ours. (3)