हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.12.7

मंडल 1 → सूक्त 12 → श्लोक 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 12
क॒विम॒ग्निमुप॑ स्तुहि स॒त्यध॑र्माणमध्व॒रे । दे॒वम॑मीव॒चात॑नम् ॥ (७)
हे स्तोताओ! क्रांतदर्शी, सत्यशील, शत्रुनाशक एवं दिव्यगुणसंपन्न अग्नि के सामने आकर यज्ञ में उसकी स्तुति करो. (७)
This stotao! Come in front of the fire of revolution, truthfulness, anti-enemy and divinely virtuous and praise him in the yajna. (7)