ऋग्वेद (मंडल 1)
ये यज॑त्रा॒ य ईड्या॒स्ते ते॑ पिबन्तु जि॒ह्वया॑ । मधो॑रग्ने॒ वष॑ट्कृति ॥ (८)
हे अग्नि! पूजनीय एवं स्तुतिपात्र देव वषट्कार का उच्चारण होते समय तुम्हारी जीभ से सोमरस पिएं. (८)
O fire! Drink somras from your tongue while pronouncing the revered and eulogetic god Vashtakara. (8)