हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.15.11

मंडल 1 → सूक्त 15 → श्लोक 11 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 15
अश्वि॑ना॒ पिब॑तं॒ मधु॒ दीद्य॑ग्नी शुचिव्रता । ऋ॒तुना॑ यज्ञवाहसा ॥ (११)
हे पवित्र कर्म करने वाले अश्चिनीकुमारो! प्रकाशमान अग्नि के साथ सोमरस का पान करो. तुम ऋतु.ओं के साथ यज्ञ पूरा करते हो. (११)
O aschinikumaro who do holy deeds! Drink somras with a burning fire. You complete the yajna with seasons. (11)