ऋग्वेद (मंडल 1)
इ॒मा धा॒ना घृ॑त॒स्नुवो॒ हरी॑ इ॒होप॑ वक्षतः । इन्द्रं॑ सु॒खत॑मे॒ रथे॑ ॥ (२)
हरि नामक घोड़े सुख देने वाले रथ में यहां घी से युक्त धान्य के पास इंद्र को लावें. (२)
In a horse-giving chariot called Hari, bring Indra near the grain containing ghee here. (2)