ऋग्वेद (मंडल 1)
सेमं नः॒ काम॒मा पृ॑ण॒ गोभि॒रश्वैः॑ शतक्रतो । स्तवा॑म त्वा स्वा॒ध्यः॑ ॥ (९)
हे शतक्रतु! गाएं और अश्व देकर हमारी सभी अभिलाषाएं पूरी करो. हम भली प्रकार ध्यान करते हुए तुम्हारी स्तुति करते हैं. (९)
O century! Sing and fulfill all our wishes by giving horses. We praise you by meditating well. (9)