हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.17.7

मंडल 1 → सूक्त 17 → श्लोक 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 17
इन्द्रा॑वरुण वाम॒हं हु॒वे चि॒त्राय॒ राध॑से । अ॒स्मान्सु जि॒ग्युष॑स्कृतम् ॥ (७)
हे इंद्र और वरुण! विचित्र धनों को पाने के लिए मैं तुम्हें बुलाता हूं. तुम हमें भली-भांति विजय दिलाओ. (७)
Hey Indra and Varun! I call you to get strange riches. You give us a good victory. (7)